आसमान में बादलों का डेरा, कल से सक्रिय होगा ताकतवर विक्षोभ

आसमान में बादलों का डेरा, कल से सक्रिय होगा ताकतवर विक्षोभ

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पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवाती प्रभाव के बीच उत्त्तरी छत्तीसगढ़ में ऊपरी स्तर के बादलों का डेरा है। मौसम के उलटफेर के बीच एक नया ताकतवर पश्चिमी विक्षोभ आनेवाले चार दिनों में एक बार फिर से सरगुजा सम्भाग के मौसम में हलचल लाएगा।

By Nai Dunia News Network

Edited By: Nai Dunia News Network

Publish Date: Thu, 03 Mar 2022 07:41:30 PM (IST)

Updated Date: Thu, 03 Mar 2022 07:41:30 PM (IST)

आसमान में बादलों का डेरा, कल से सक्रिय होगा ताकतवर विक्षोभ

अंबिकापुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवाती प्रभाव के बीच उत्त्तरी छत्तीसगढ़ में ऊपरी स्तर के बादलों का डेरा है। मौसम के उलटफेर के बीच एक नया ताकतवर पश्चिमी विक्षोभ आनेवाले चार दिनों में एक बार फिर से सरगुजा सम्भाग के मौसम में हलचल लाएगा। इस दौरान इलाके में बादलों की आवाजाही के बीच बारिश की भी संभावना रहेगी। मौसम विभाग के अनुसार वर्तमान में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के इलाके में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है। इधर राजस्थान इलाके से चक्रवाती घेरा बंगाल की खाड़ी से नमी को उत्तर की धकेल रहा है। इसके चलते सरगुजा संभाग में बादलों का डेरा बना हुआ है। इसका असर अधिकतम और न्यूनतम तापमान पर पड़ा है। बादलों के कारण तापमान में थोड़ी वृद्धि हुई है। मौसम विज्ञानी एएम भट्ट के अनुसार पांच मार्च को उत्तर भारत में एक ताकतवर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है। इसका असर सरगुजा संभाग में सात से आठ मार्च तक पड़ने की संभावना है। इसके चलते बादलों की आवाजाही और गरज-चमक के साथ बारिश होने की संभावना है। पहले से सक्रिय विक्षोभ का असर अभी भी बरकरार है। आसमान में बादल छाए हुए हैं।

मार्च में भी विक्षोभ की सक्रियता-

जनवरी से उत्त्तरी छत्तीसगढ़ में लगातार पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है। अब तक तीन माह में करीब 10 बार पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से मौसम प्रभावित हो चुका है। इस दौरान सरगुजा संभाग में बारिश व ओलावृष्टि हुई। हालांकि सरगुजा में उतरी ओलावृष्टि नहीं होने से किसानों को राहत मिली है। मौसम में लगातार हुए उलटफेर का फायदा गेहूं की खेती को पहुंचा है। इस बार बारिश के कारण किसानों को सिंचाई की जरूरत कम पड़ी। पेड़ों के नीचे बिखरे पत्ते, आ गया पतझड़-

मौसम के उलटफेर के बीच वसंत ऋतु के साथ पतझड़ का आगमन हो गया है। पेड़ों के नीचे बिखरी पत्तियां पतड़ के आने का संकेत रही हैं। ग्रामीण इलाकों में पेड़ों के नीचे सूखी पत्तियों का ढेर लगा है। पेड़ों के पुराने पत्ते गिर गए हैं और नई कोपलें निकलने लगी हैं। हवा चलने से ये पत्तियां चारों ओर फैल रही हैं।



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