वास्तु शास्त्र की मानें, तो इन स्थानों पर पानी रखने से बचें, बन सकते हैं भुखमरी के हालात

वास्तु शास्त्र की मानें, तो इन स्थानों पर पानी रखने से बचें, बन सकते हैं भुखमरी के हालात

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वास्तु शास्त्र की मानें तो पानी के बर्तन को हमेशा पूर्व और उत्तर दिशा में ही रखना चाहिए। यह आपके घर के बहुत ही शुभ माना गया है। ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी ने विस्तार से बताया कि घर के किस स्थान या दिशा में भूलकर भी पानी को नहीं रखा जाना चाहिए।

By Anurag Mishra

Edited By: Anurag Mishra

Publish Date: Sat, 30 Mar 2024 08:08:10 PM (IST)

Updated Date: Sat, 30 Mar 2024 08:08:10 PM (IST)

वास्तु शास्त्र की मानें, तो इन स्थानों पर पानी रखने से बचें, बन सकते हैं भुखमरी के हालात
वास्तु शास्त्र के हिसाब से रखें पानी

धर्म डेस्क, इंदौर। वास्तु शास्त्र में दिशा को बहुत माना जाता है। अग्नि, जल, वायु, आकाश व पृथ्वी इन पंच तत्वों से मिलकर बनी वस्तुओं को सही दिशा में रखना बहुत महत्वपूर्ण है। इसका ध्यान न रखने पर घर में वास्तु दोष की संभावना बढ़ जाती है। यह आपकी तरक्की को रोक सकती है।

वास्तु शास्त्र की मानें तो पानी के बर्तन को हमेशा पूर्व और उत्तर दिशा में ही रखना चाहिए। यह आपके घर के बहुत ही शुभ माना गया है। ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी ने विस्तार से बताया कि घर के किस स्थान या दिशा में भूलकर भी पानी को नहीं रखा जाना चाहिए।

वास्तु के अनुसार इस स्थान पर रखें जल

घर को बनवाते समय यह ध्यान रखें कि पानी की टंकी का स्थान वास्तु के नियमों के हिसाब से ही होना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि घर में पानी रखने का स्थान घर के सदस्यों से संबंधित होता है। इसका स्थान वास्तु के अनुसार नहीं है, तो आर्थिक नुकसान होता है। पानी की टंकी का स्थान पश्चिम दिशा की तरफ ही होना चाहिए।

ईशान कोण दिशा में रखें पानी

वास्तु शास्त्र की मानें तो घर में पानी का स्थान ईशान कोण पर ही रखें। यह आपके लिए काफी शुभ होता है। पानी का टैंक उत्तर या पूर्वोत्तर दिशा में ही बनाएं।

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नल से लगातार टपकता पानी

वास्तु शास्त्र की मानें तो नल से लगातार टपकता पानी बहुत ही अशुभ होता है। आपका नल अगर खराब है, तो उसको तुरंत ठीक करवाएं। यह आपकी आर्थिक स्थिति के लिए बहुत ही नकारात्मक होगा। आपके जीवन में भुखमरी तक के हालत पैदा हो सकते हैं।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’



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