Hanuman Janmotsav 2025: हनुमान जन्मोत्सव पर जलाएं खास बाती का दीया, करें ऋणमोचन मंगल स्तोत्र का पाठ

Hanuman Janmotsav 2025: हनुमान जन्मोत्सव पर जलाएं खास बाती का दीया, करें ऋणमोचन मंगल स्तोत्र का पाठ

Views: 5


रामनवमी के बाद अब हनुमान जन्मोत्सव (Hanuman Janmotsav 2025) का उल्लास है। हर शहर के हर हनुमान मंदिर में आयोजन की तैयारियां की जा रही हैं। इस बीच, हनुमान जन्मोत्सव पर किए जाने वाले उपाय (Hanuman Janmotsav Upay) भी चर्चा में हैं। यहां जानिए ऐसे ही दो उपायों के बारे में।

By Arvind Dubey

Publish Date: Wed, 09 Apr 2025 12:07:25 PM (IST)

Updated Date: Fri, 11 Apr 2025 10:28:41 PM (IST)

Hanuman Janmotsav 2025: हनुमान जन्मोत्सव पर जलाएं खास बाती का दीया, करें ऋणमोचन मंगल स्तोत्र का पाठ
हनुमान जन्मोत्सव की तैयारियां शुरू (फाइल फोटो)

HighLights

  1. 12 अप्रैल को सुबह 3.12 बजे शुरू होगी पूर्णिमा तिथि
  2. 13 अप्रैल को सुबह 4.36 बजे हो जाएगा समापन
  3. उदया तिथि के अनुसार 12 अप्रैल को हनुमान जन्मोत्सव

धर्म डेस्क, इंदौर (Hanuman Janmotsav 2025)। रामकाज के लिए पवन पुत्र श्री राम नवमी के छठवें दिन यानी चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को इस धराधाम पर अवतरित हुए थे। मान्यता है कि प्रभु श्रीराम के आदेश पर उनके भक्त हनुमान (Hanuman) कलयुग में भी प्रत्यक्ष रूप से अपनी समस्त शक्तियों के साथ प्रत्यक्ष रूप से मौजूद हैं।

12 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा को श्री राम भक्त हनुमान का जन्मोत्सव (Hanuman Janmotsav 2025: ) उल्लास पूर्ण माहौल में भक्ति भाव के साथ मनाने के लिए नगर के प्रमुख मंदिरों में तैयारियां शुरू हो गई हैं। मंदिरों की रंगाई-पुताई के साथ पवन पुत्र के श्रृंगार के लिए कलाकारों को बुक किया जा रहा है। इस दिन श्री राम और हनुमान जी का सच्चे मन से स्मरण करने से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

naidunia_image

कलावा की बाती से जुड़ा विशेष उपाय

  • हनुमान जन्मोत्सव के दिन कलावा की बाती का विशेष महत्व है। कलावा यानी हाथ पर बांधा जाने वाला लाल रंग का पवित्र धागा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, हनुमान जन्मोत्सव के दिन मंदिर में जाएं।
  • दीपक में घी रखें और रूई की बाती की जगह कलावा की बाती बनाकर बजरंगबली के चरणों में प्रज्वलित करें।
  • इसके बाद मंदिर में बैठकर ध्यान करें और अपनी मनोकामना बजरंगबली के सामने रखें। भगवान उसे जल्द पूरा करेंगे।

naidunia_image

करें ऋणमोचन मंगल स्तोत्र का पाठ

मङ्गलो भूमिपुत्रश्च ऋणहर्ता धनप्रदः।

स्थिरासनो महाकयः सर्वकर्मविरोधकः।।

लोहितो लोहिताक्षश्च सामगानां कृपाकरः।

धरात्मजः कुजो भौमो भूतिदो भूमिनन्दनः।।

अङ्गारको यमश्चैव सर्वरोगापहारकः।

व्रुष्टेः कर्ताऽपहर्ता च सर्वकामफलप्रदः।।

एतानि कुजनामनि नित्यं यः श्रद्धया पठेत्।

ऋणं न जायते तस्य धनं शीघ्रमवाप्नुयात्।।

धरणीगर्भसम्भूतं विद्युत्कान्तिसमप्रभम्।

कुमारं शक्तिहस्तं च मङ्गलं प्रणमाम्यहम्।।

स्तोत्रमङ्गारकस्यैतत्पठनीयं सदा नृभिः।

न तेषां भौमजा पीडा स्वल्पाऽपि भवति क्वचित्।।

अङ्गारक महाभाग भगवन्भक्तवत्सल।

त्वां नमामि ममाशेषमृणमाशु विनाशय।।

ऋणरोगादिदारिद्रयं ये चान्ये ह्यपमृत्यवः।

भयक्लेशमनस्तापा नश्यन्तु मम सर्वदा।।

अतिवक्त्र दुरारार्ध्य भोगमुक्त जितात्मनः।

तुष्टो ददासि साम्राज्यं रुश्टो हरसि तत्ख्शणात्।।

विरिंचिशक्रविष्णूनां मनुष्याणां तु का कथा।

तेन त्वं सर्वसत्त्वेन ग्रहराजो महाबलः।।

पुत्रान्देहि धनं देहि त्वामस्मि शरणं गतः।

ऋणदारिद्रयदुःखेन शत्रूणां च भयात्ततः।।

एभिर्द्वादशभिः श्लोकैर्यः स्तौति च धरासुतम्।

महतिं श्रियमाप्नोति ह्यपरो धनदो युवा”।।

इति श्री ऋणमोचक मङ्गलस्तोत्रम् सम्पूर्णम्।।

यहां भी क्लिक करें – पंचग्रही युति योग में 12 अप्रैल को मनेगा हनुमानजी का प्रकटोत्सव, 57 साल बाद हो रहा ऐसा

यहां भी क्लिक करें – एमपी के पुलिस थानों में बन सकेंगे हनुमान मंदिर, हाईकोर्ट ने खारिज की चुनौती देने वाली याचिका



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Total Views: 344,044