Chaitra Navratri 2025: उज्जैन में दीपमालिका की होड़… शक्तिपीठ हरसिद्धि में 3100 रुपए, गढ़कालिका में 3300 रुपए में हो रही बुकिंग

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शक्तिपीठ हरसिद्धि माता मंदिर में नवरात्र के नौ दिन संध्या आरती में दीपमालिका प्रज्वलित कराने की परंपरा है। देशभर के देवी भक्त माता के दरबार में दीपमालिका प्रज्वलित कराना चाहते हैं।

By Arvind Dubey

Publish Date: Tue, 25 Mar 2025 12:53:23 PM (IST)

Updated Date: Tue, 25 Mar 2025 02:06:51 PM (IST)

शक्तिपीठ हरसिद्धि में प्रज्वलित दीपमालिका। (फाइल चित्र)

HighLights

  1. 30 मार्च, रविवार से आरंभ होंगे चैत्र नवरात्र
  2. इस बार 9 नहीं, बल्कि 8 दिनों के हैं नवरात्र
  3. 6 अप्रैल, रविवार को मनाई जाएगी रामनवमी

नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन : चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर 30 मार्च को सर्वार्थ सिद्धि योग में चैत्र नवरात्रि का आरंभ होगा। मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित शक्तिपीठ हरसिद्धि सहित प्राचीन देवी मंदिरों में दर्शनार्थियों का तांता लगेगा।

शक्तिपीठ हरसिद्धि व सिद्ध पीठ गढ़कालिका माता मंदिर में प्रतिदिन शाम को संध्या आरती में दीपमालिका प्रज्वलित की जाएगी। देशभर के देवी भक्तों में दीपमालिका प्रज्वलित कराने की होड़ लगी हुई है।

देशभर के देवी भक्त दीपमालिका प्रज्वलित कराते हैं

  • भक्तों की अधिक संध्या को देखते हुए मंदिर समिति ने चैत्र व शारदीय नवरात्र में सामूहिक दीपमालिका प्रज्वलित कराने का निर्णय लिया है। नवरात्र में कोई भी भक्त 3100 रुपये में सामूहिक दीपमालिका प्रज्वलित करा सकते हैं।
  • प्रबंधक इंद्रेश लोधी ने बताया कि चैत्र नवरात्र के लिए अब तक 100 से अधिक भक्तों ने दीपमालिका की बुकिंग करा ली है। आम दिनों में एक व्यक्ति को दीपमालिका प्रज्वलित कराने में करीब 12 से 14 हजार रुपये का खर्च आता है।

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शक्तिपीठ हरसिद्धि : मराठाकालीन दीपमालिका

शक्तिपीठ हरसिद्धि मंदिर परिसर में मराठाकालीन दो दीप स्तंभ हैं। प्रत्येक दीपस्तंभ में 501 दीपक हैं। इन्हें दीपमालिका कहा जाता है। दीपमालिका प्रज्वलित करने के लिए भक्तों को मंदिर कार्यालय में 700 रुपये की शासकीय रसीद कटवाना होती है।

दीपमालिका प्रज्वलित करने वाले कुशल व्यक्तियों का पारिश्रमिक 2500 रुपये है। इसके अलावा चार डिब्बा शुद्ध तेल, बाती तथा माता हरसिद्धि व दीपमालिका की पूजा के लिए संपूर्ण सामग्री सहित कुल करीब 12 से 14 हजार रुपये है।

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सिद्धपीठ गढ़कालिका : 21 फीट ऊंची दीपमालिका

महाकवि कालिदास की आराध्य देवी गढ़कालिका शहर के अत्यंत प्राचीन देवी मंदिरों में से एक है। अलग-अलग मान्यता में इस देवी स्थान को शक्तिपीठ व सिद्धपीठ माना गया है। प्रतिदिन देश के विभिन्न हिस्सों विशेषकर दक्षिण भारत से बड़ी संख्या में भक्त यहां दर्शन करने आते हैं।

मंदिर परिसर में दो दीप स्तंभ हैं, जिन्हें दीपमालिका कहा जाता है। करीब 21 फीट ऊंचे प्रत्येक दीपस्तंभ में 108-108 दीपक हैं। कुल 216 दीप प्रज्वलित करने में एक डिब्बा शुद्ध तेल लगता है।

गढ़कालिका में सामूहिक रूप से दीपमालिका प्रज्वलित कराने की व्यवस्था नहीं है। एक व्यक्ति मात्र 3300 रुपये में दीपमालिका प्रज्वलित करा सकता है। इसमें तेल, बाती के अलावा 501 रुपये की शासकीय रसीद। 800 रुपये दीपमालिका प्रज्वलित करने वाले का पारिश्रमिक शामिल है। चैत्र नवरात्र के लिए अधिकांश दिन की बुकिंग हो गई है। – मूलचंद जाटवा, मंदिर प्रशासक

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