Damoh Doctor Death: रुतबा जमाने के लिए नरेंद्र यादव ने नाम रख लिया था एनकेम जॉन, चिकन खाने की आदत से पकड़ा गया

Damoh Doctor Death: रुतबा जमाने के लिए नरेंद्र यादव ने नाम रख लिया था एनकेम जॉन, चिकन खाने की आदत से पकड़ा गया

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Damoh Fake Doctor: दमोह में एक फर्जी डॉक्टर को गिरफ्तार किया गया है, जो खुद को विदेशी डॉक्टर के रूप में पेश करता था। नरेंद्र यादव ने अपना नाम बदलकर एनकेम जॉन रख लिया था और कई मरीजों की दिल की सर्जरी की, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने उसकी फर्जी डिग्री और दस्तावेजों की जांच कर रही है।

By Prashant Pandey

Publish Date: Thu, 10 Apr 2025 08:09:15 AM (IST)

Updated Date: Thu, 10 Apr 2025 10:36:38 PM (IST)

Damoh Doctor Death: रुतबा जमाने के लिए नरेंद्र यादव ने नाम रख लिया था एनकेम जॉन, चिकन खाने की आदत से पकड़ा गया
फर्जी सर्जन विक्रमादित्य नरेंद्र यादव उर्फ एनकेम जॉन।

HighLights

  1. नरेंद्र यादव ने कहा- MBBS की डिग्री असली पर कार्डियोलॉजिस्ट की डिग्री फर्जी।
  2. पुलिस की रिमांड में आरोपित फर्जी डॉक्टर बार-बार बदल रहा है अपने बयान।
  3. सर्टिफिकेट पर पूर्व राष्ट्रपति हामिद अंसारी के फर्जी हस्ताक्षर भी कर लिए थे।

नईदुनिया प्रतिनिधि, दमोह(MP Doctor Death)। मध्य प्रदेश के दमोह जिला मुख्यालय स्थित मिशन अस्पताल के फर्जी सर्जन विक्रमादित्य नरेंद्र यादव उर्फ एनकेम जॉन की कई करतूत उजागर हो रही हैं। कोर्ट से रिमांड पर लेकर की जा रही पुलिस की पूछताछ में हालांकि वह बार-बार बयान बदल रहा है, लेकिन अपनी डिग्री फर्जी होने की बात वह कुबूल चुका है।

उल्लेखनीय है कि इसी वर्ष जनवरी और फरवरी माह में 15 मरीजों के हृदय की सर्जरी के बाद सात लोगों की असामयिक मौत(Fake cardiologist) के मामले में उसका नाम सामने आया है। विक्रमादित्य नरेंद्र यादव ने देश के मेडिकल जगत में अपना रुतबा बनाने के लिए खुद का नाम बदलकर विदेशी की तरह एनकेम जॉन रख लिया था।

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इसी नाम से उसने तमाम फर्जी दस्तावेज(Damoh Fake Doctor) भी तैयार करा लिए थे। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि उसके कृत्यों में और किस-किस का सहयोग रहा। पुलिस अधीक्षक दमोह श्रुतकीर्ति सोमवंशी के मुताबिक, पुलिस पूछताछ में उसने अपना सही नाम नरेंद्र यादव ही बताया है। उसके मुताबिक, वह कानपुर के राजेंद्र नगर का रहने वाला है। वर्तमान में इस पते पर उसके सब इंजीनियर पिता व बड़े भाई का परिवार रहता है।

मानव अधिकार आयोग ने बयान दर्ज किए

इधर, बुधवार को राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के दल ने तीसरे दिन भी पीड़ितों के स्वजन के बयान दर्ज किए और दोपहर में दल दिल्ली के लिए रवाना हो गया। जांच दल ने दमोह के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डा़ मुकेश जैन के पत्र में दर्ज पांच पीड़ितों के साथ ही एक अन्य की बात रिकार्ड पर ली है।

बोला- एमबीबीएस की डिग्री असली, एमडी कार्डियोलॉजिस्ट की डिग्री फर्जी

नरेंद्र यादव को पुलिस ने बुधवार से पांच दिनों की रिमांड पर लिया है। पहले दिन पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि उसकी एमबीबीएस की डिग्री असली है पर एमडी कार्डियोलॉजिस्ट की डिग्री नकली है। फर्जी दस्तावेज बनवाने के लिए पत्नी और बच्चों तक के फर्जी नाम शामिल किए।

उसने स्वीकारा कि वह अब तक अविवाहित है। पूछताछ में नरेंद्र ने बताया कि उसने यूके जाकर एमडी एमआरसीपी का कोर्स किया और इसके बाद दो वर्ष वाले कुछ और कोर्स भी पूर्ण किए।

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जब देश में लौटा तो यहां प्रैक्टिस करना असंभव था, क्योंकि यहां विदेशी डिग्रियों को मान्यता नहीं है। वर्ष 2013 में उसने पुडुचेरी के एक मेडिकल कॉलेज के नाम से कार्डियोलॉजिस्ट का फर्जी सर्टिफिकेट बना लिया। सर्टिफिकेट पर देश के पूर्व राष्ट्रपति हामिद अंसारी के फर्जी हस्ताक्षर भी कर लिए थे।

चिकन खाने की आदत से पकड़ में आया

पुलिस अधीक्षक के अनुसार, आरोपित प्रयागराज में छिपा था। सर्विलांस टीम ने नंबर ट्रेस किया तो बंद मिला। चूंकि प्रयागराज का क्षेत्र बड़ा था तो पकड़ना आसान नहीं था, तभी पता चला कि नरेंद्र यादव ने चिकन मंगाने के लिए एक दुकानदार को अंतिम बार कॉल कर अपनी लोकेशन भेजी थी। उस व्यक्ति को पकड़ा तो उसके वॉट्सएप पर आरोपित की लोकेशन मिली, जहां से उसे गिरफ्तार किया गया।

शातिर है आरोपित, बार-बार बदल रहा बयान

एसपी ने कहा कि एमबीबीएस पास होने का दावा उसने किया है। वर्ष 1991 में नार्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस करना बताया है। इसके दस्तावेज भी उसने उपलब्ध कराए हैं। उनकी जांच करा रहे हैं। मेडिकल रजिस्ट्रेशन नंबर में नरेंद्र यादव के नाम की डिग्री दिख भी रही है पर यह वही नरेंद्र यादव है कि इसकी जांच करा रहे हैं।

नरेंद्र यादव के नाम के पासपोर्ट की साफ्ट कॉपी मिली है। एनकेम जॉन के नाम का पासपोर्ट का नंबर मिला है। आरोपित पूछताछ में बयान बार-बार बदल रहा है और वह काफी शातिर किस्म का व्यक्ति है। पुलिस जांच में नरेंद्र यादव के मतांतरण की बात फिलहाल सामने नहीं आई है।

आरोपित ने बताया कि यह सब ईसाई समुदाय में शामिल होने के लिए किया था। लगा विदेशी बड़े डॉक्टर के रूप में देश में इलाज करूंगा तो ख्याति मिलेगी। इसलिए नाम भी बदल लिया था। एसपी ने बताया कि यह भी तय कर रहे हैं कि नरेंद्र यादव कार्डियोलॉजी का इलाज करने के लिए अधिकृत हैं कि नहीं।



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