Hangseshwari Temple: 13 मीनारों वाले हंगेश्वरी मंदिर के दर्शन करेंगे PM मोदी, जानें क्या है 19वीं सदी के इस खूबसूरत मंदिर की खासियत

Hangseshwari Temple: 13 मीनारों वाले हंगेश्वरी मंदिर के दर्शन करेंगे PM मोदी, जानें क्या है 19वीं सदी के इस खूबसूरत मंदिर की खासियत

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Hangseshwari Temple हंगेश्वरी मंदिर का निर्माण नृसिंहदेव रॉय ने शुरू किया था। इस मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो पाता, उससे पहले ही नृसिंहदेव राय का निधन हो गया था।

By Sandeep Chourey

Edited By: Sandeep Chourey

Publish Date: Sat, 02 Mar 2024 12:09:52 PM (IST)

Updated Date: Sat, 02 Mar 2024 12:17:45 PM (IST)

Hangseshwari Temple: 13 मीनारों वाले हंगेश्वरी मंदिर के दर्शन करेंगे PM मोदी, जानें क्या है 19वीं सदी के इस खूबसूरत मंदिर की खासियत
यह मंदिर कोलकाता से लगभग 50 किमी दूर हुगली जिले के अंदर बंसी बेरीया में स्थित है।

HighLights

  1. पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा का विशेष महत्व है।
  2. राज्य में नवरात्रि पर्व उत्साह के साथ मनाया जाता है।
  3. देवी हंगेश्वरी को भी देवी काली का ही रूप माना जाता है।

डिजिटल डेस्क, इंदौर। देश के हर राज्य में कई ऐसे ऐतिहासिक व धार्मिक स्थल हैं, जिनका पौराणिक महत्व भी है। हर मंदिर के साथ कुछ लौकिक कथाएं भी जुड़ी हुई है। ऐसा ही एक मंदिर पश्चिम बंगाल में हैं, जिसे हंगेश्वरी मंदिर के नाम से जाना जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिनों के पश्चिम बंगाल दौरे पर हैं और इस दौरान PM मोदी प्रसिद्ध हंगेश्वरी मंदिर के भी दर्शन करेंगे। यहां जानें क्या है हंगेश्वरी मंदिर की खासियत।

पश्चिम बंगाल में कहां है हंगेश्वरी मंदिर

पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा का विशेष महत्व है। राज्य में नवरात्रि पर्व उत्साह के साथ मनाया जाता है। देवी हंगेश्वरी को भी देवी काली का ही रूप माना जाता है। यह मंदिर कोलकाता से लगभग 50 किमी दूर हुगली जिले के अंदर बंसी बेरीया में स्थित है। ऐतिहासिक दस्तावेजों से जो जानकारी मिलती है, उसके मुताबिक, हंगेश्वरी मंदिर का निर्माण नृसिंहदेव रॉय ने शुरू किया था। इस मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो पाता, उससे पहले ही नृसिंहदेव राय का निधन हो गया था। इसके बाद उनकी पत्नी रानी शंकरी ने मंदिर निर्माण का कार्य पूरा किया था।

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हंगेश्वरी मंदिर में ये खासियत

  • हंगेश्वरी मंदिर को हंसेश्वरी मंदिर भी कहा जाता है।
  • पश्चिम बंगाल में स्थित यह मंदिर भी मां काली को ही समर्पित है
  • हंगेश्वरी मंदिर 19 सदी की वास्तुकला का जीवंत उदाहरण है।
  • 21 मीटर ऊंचे इस मंदिर में 13 मीनारें हैं। हर मीनार का शिखर कमल के फूल के आकार का है।
  • 5 मंजिला इस मंदिर की वास्तुकला मानव शरीर की संरचना से मिलती जुलती है।
  • मंदिर के अंदर की कलाकृतियां मनुष्य के जीवन के विभिन्न पड़ावों को दर्शाती हैं।

नीम की लकड़ी से बनी है देवी की मूर्ति

यह मंदिर मां काली को समर्पित है और यहां देवी की मूर्ति की खासियत ये है कि इसे नीली नीम की लकड़ी को तराश कर बनाई गई है। देवी काली की मूर्ति कमल के आकार वाले स्टैंड पर रखी हुई है। इसके अलावा शिवलिंग सफेद संगमरमर से बना हुआ है।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’



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