IPL में सट्टेबाजों पर महासमुंद पुलिस की बड़ी कार्रवाई, नाबालिग सहित छह सटोरिए पकड़ाए, इस एप से लगा रहे थे दांव

IPL में सट्टेबाजों पर महासमुंद पुलिस की बड़ी कार्रवाई, नाबालिग सहित छह सटोरिए पकड़ाए, इस एप से लगा रहे थे दांव

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Online Betting App: अप्पा बुक एप साइट से रुपये का दांव लगाकर आनलाइन आइपीएल क्रिकेट सटटा खिला रहे छह आरोपितों को कोतवाली पुलिस ने पकड़ा है। गिरफ्तार आरोपितों में एक नाबालिग भी शामिल है।

By Ashish Kumar Gupta

Publish Date: Thu, 23 May 2024 11:36:48 AM (IST)

Updated Date: Thu, 23 May 2024 11:43:36 AM (IST)

IPL में सट्टेबाजों पर महासमुंद पुलिस की बड़ी कार्रवाई, नाबालिग सहित छह सटोरिए पकड़ाए, इस एप से लगा रहे थे दांव

नईदुनिया प्रतिनिधि, महासमुंद। Online Betting App: अप्पा बुक एप साइट से रुपये का दांव लगाकर आनलाइन आइपीएल क्रिकेट सटटा खिला रहे छह आरोपितों को कोतवाली पुलिस ने पकड़ा है। गिरफ्तार आरोपितों में एक नाबालिग भी शामिल है। पुलिस ने आरोपितों से तीन लैपटाप, 13 मोबाइल, 20 सिम कार्ड, एक बैंक पासबुक, तीन चेकबुक जब्त कर छत्तीसगढ़ जुआ प्रतिषेध अधिनियम पंजीबद्ध किया। पूरे आइपीएल सत्र के दौरान यह कोतवाली पुलिस की पहली बड़ी कार्रवाई है।

कोतवाली प्रभारी मोनिका श्याम ने बताया कि पुलिस को नौ मई को मुखबिर से सूचना मिली कि सुभाष नगर में एक व्यक्ति मोबाइल से आनलाइन रुपयों का दांव लगाकर आइपीएल सट्टा खिला रहा है। पुलिस ने छापामार कर एक व्यक्ति को पकड़ा। पूछताछ में उसने अपना नाम-पता वार्ड 22 सुभाष नगर महामसुंद निवासी साकेत साहू (25) बताया। पुलिस ने उससे एक मोबाइल व नकदी 1,700 रुपये बरामद किया।

पुलिस ने बताया कि साकेत अप्पा बुक एप नामक साइट के माध्यम से आनलाइन सट्टा संचालित करता था। आरोपित ने अपने मोबाइल में एप के माध्यम से सट्टा खिलाना व अपना बैंक अकाउंट को किसी अन्य व्यक्ति को देना स्वीकार किया। मामले में संलिप्त अन्य की पतासाजी के लिए पुलिस टीम ने घाटशीला जिला जमशेदपुर झारखंड में रेड कार्रवाई में चार आरोपी को गिरफ्तार किया।

आरोपितों में सेक्टर 11 एचएसीएल कालोनी खुर्सीपार भिलाई जिला दुर्ग निवासी राहुल शर्मा (22), वार्ड केकराघाट धुरकोट जिला जांजगीर चांपा थाना डभरा छग निवासी मुकेश चौहान (22), वार्ड-16 सुभाष नगर महासमुंद छग जोगेंद्र छुरा (30) व एक नाबालिग शामिल है।

तीन लैपटाप, 13 मोबाइल, 20 नग सिम कार्ड आदि जब्त

पुलिस ने बताया कि अप्पा बुक एप साइट से रुपयों का दांव लगाकर आरोपी आनलाइन सट्टा खिला रहे थे। पुलिस टीम ने आरोपितों से तीन लैपटाप, 13 मोबाइल, 20 सिम कार्ड, 21 बैंक पासबुक व 27 चेकबुक जब्त किया। आरोपितों द्वारा दिए गए आइडी में 250 से अधिक खातों में 10 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन की जानकारी व वर्तमान में पांच चालू खाते में पांच लाख रुपये मिला, जिसे पुलिस ने फ्रीज कराया।

प्रकरण में एक अन्य आरोपित वार्ड 22 सुभाष नगर महासमुंद निवासी उमाशंकर चंद्राकर (28) का था, जो आरोपित राहुल शर्मा द्वारा उमाशंकर को आनलाईन क्रिकेट सट्टा आइपीएल खिलवाने के एवज में 10 हजार रुपये दे रहा था। घटना में प्रयुक्त सभी संपत्ति जब्त कर पांच आरोपितों को न्यायिक रिमांड पर भेजा गया। वहीं विधि से संघर्षरत बालक के विरुद्ध विधिसम्मत कार्रवाई की गई।

तीन दिन से हिरासत में थे आरोपित

बताया गया है कि झारखंड में आरोपितों को पकड़ने गई टीम रविवार को लेकर महासमुंद लौट आई थी। उम्मीद की जा रही थी कि पुलिस सोमवार को मामले का खुलासा करेगी, लेकिन बुधवार को किया।

प्रशिक्षु डीएसपी ने दिखाई सूझबूझ

एसपी आशुतोष सिंह, एएसपी प्रतिभा पांडेय के निर्देशन में थाना प्रभारी प्रशिक्षु डीएसपी मोनिका श्याम की कुशलता से ही आइपीएल क्रिकेट सट्टा का बड़ा मामला कोतवाली पुलिस पकड़ पाई। लगभग डेढ़ महीने से आइपीएल क्रिकेट का दौर जारी है।

इस बार आइपीएल क्रिकेट सट्टा पकड़ने में साइबर सेल उदासीन रहा। टीम की भूमिका संदेहास्पद रही। ऐसे में पुलिस की आलोचना होती रही। साइबर सेल ने ऐसे मामलों के पुराने आरोपित तक नहीं पकड़े। इधर अपराधियों में पुलिस का भय बनाने कोतवाली टीम ने भरसक प्रयास किया और अंततः सफलता मिली।

महादेव सट्टा एप मामले में तीन आरोपितों ने खुलवाए थे 150 से अधिक बैंक खाते

आनलाइन सट्टा संचालन के लिए बैंक खाता खुलवाने वाले तीन आरोपितों को रायपुर पुलिस ने कुछ दिन पहले गिरफ्तार किया है। तीनों आरोपित अब तक 150 से अधिक बैंक खाते खुलवा चुके हैं। एक खाते खुलवाने के बदले उन्हें पांच हजार रुपये मिलते थे। वहीं जिसका खाता होता था, उसे दो से तीन हजार रुपये दिए जाते थे। ओडिशा के आरोपित नरेंद्र निहाल को खाता उपलब्ध करवाया जाता था।

उसके पास बस, कुरियर सहित अन्य माध्यम से बैंक की पूरी किट पहुंच जाती थी। इसके बाद नरेंद्र दिल्ली, मुंबई, पुणे में बैठे सटोरियों तक खाता पहुंचा देता था। सेविंग और करंट अकाउंट का अलग-अलग रेट तय था। पुलिस को पूछताछ में पता चला है कि पांच से 10 हजार रुपये नरेंद्र द्वारा दिए जाते थे। साथ ही नरेंद्र को एक सेविंग अकाउंट के बदले 40 हजार और करंट अकाउंट पर 20 हजार रुपये मिलते थे।



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