Mahasamund: धान खरीदी फर्जीवाड़ा में आरोपितों के खाते को पहले किया अनहोल्‍ड फिर 25 लाख रुपये किए ट्रांसफर

Mahasamund: धान खरीदी फर्जीवाड़ा में आरोपितों के खाते को पहले किया अनहोल्‍ड फिर 25 लाख रुपये किए ट्रांसफर

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Paddy Purchase Fraud in Mahasamund: छत्‍तीसगढ़ के महासमुंद जिले के जाड़ामुड़ा धान खरीदी फर्जीवाड़ा में को-आपरेटिव बैंक पिरदा का भी अहम रोल सामने आया है। फर्जीवाड़े में शामिल लोगों के होल्ड (फ्रीज किए) खाते को जिला प्रशासन की बिना अनुमति के बैंक ने अनहोल्ड कर 25 लाख रुपये दूसरे व्यक्ति के खाते पैसे ट्रांसफर कर दिए।

By Ashish Kumar Gupta

Publish Date: Wed, 19 Jun 2024 08:42:42 AM (IST)

Updated Date: Wed, 19 Jun 2024 08:50:05 AM (IST)

Mahasamund: धान खरीदी फर्जीवाड़ा में आरोपितों के खाते को पहले किया अनहोल्‍ड फिर 25 लाख रुपये किए ट्रांसफर
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक पिरदा शाखा l फाइल फोटो

HighLights

  1. जाड़ामुड़ा धान खरीदी मामले में बीएम निलंबित हैं,
  2. फर्जीवाड़ा मामले में अकाउंटेंट अब भी कार्यरत
  3. आरोपितों के होल्ड खाते से 25 लाख ट्रांसफर

नईदुनिया न्यूज, महासमुंद। Paddy Purchase Fraud in Mahasamund: छत्‍तीसगढ़ के महासमुंद जिले के जाड़ामुड़ा धान खरीदी फर्जीवाड़ा में को-आपरेटिव बैंक पिरदा का भी अहम रोल सामने आया है। फर्जीवाड़े में शामिल लोगों के होल्ड (फ्रीज किए) खाते को जिला प्रशासन की बिना अनुमति के बैंक ने अनहोल्ड कर 25 लाख रुपये दूसरे व्यक्ति के खाते पैसे ट्रांसफर कर दिए। आरोपित किसानों के होल्ड अकाउंट निलंबित बीएम शिवनाथ पटेल और यहां पदस्थ अकाउंटेंट उसत प्रधान के आइडी से अनहोल्ड किया गया था।

इससे अंदाजा लगाया का सकता है कि जाडामुड़ा कांड के आरोपितों की पकड़ बैंक व प्रशासन में कितनी गहरी है, क्योंकि बैंक अधिकारी खाता अनहोल्ड करने कलेक्टर तक की सहमति लेना आवश्यक नहीं समझ रहा है। इस मामले में कलेक्टर प्रभात मलिक का पक्ष जानने अधिकतम प्रयास किया गया। मोबाइल मैसेज भेजा गया, लेकिन वे पक्ष रखने से बचते रहे।

वर्ष 2023-24 में धान खरीदी में प्रदेश का सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा महासमुंद जिले के पिथौरा ब्लाक के जाड़ामुड़ा खरीदी केंद्र में उजागर हुआ है। यहां जांच में सामने आया कि फर्जी रकबे में करोड़ों की धान खरीदी फर्जी तरीके से की गई। सेवा सहकारी समिति जाड़ामुड़ा के तत्कालीन प्रबंधक उमेश भोई, दो कंप्यूटर आपरेटर मनोज प्रधान, मनीष प्रधान और 18 किसानों ने मिलकर इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया।

जांच के अनुसार इन्होंने शासन से करोड़ों रुपये का चूना लगाया है। इस मामले में तत्कालीन प्रबंधक, दोनों कंप्यूटर आपरेटर और 18 किसान शामिल हैं। इसमें से छह लोग एक ही परिवार के हैं, जिसमे ईश्वर, संतलाल, दासरथी, निराकार, मनोहर और मनोज हैं। इसमें पिरदा बैंक में कार्यरत एक स्टाफ का इन आरोपितों से पारिवारिक संबंध है। होल्ड खाते को अनहोल्ड कराकर फंड ट्रांसफर कराने में इस कर्मचारी की भूमिका बताई जा रही है, जो जांच का विषय है।

प्रशासन ने होल्ड कराया है खाता

जाड़ामुड़ा धान खरीदी फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद जिला प्रशासन ने इस मामले की जांच कराई। शुरुआती जांच में ही भारी गंभीर तथ्य सामने आया। फर्जीवाड़े की गंभीरता को देखते हुए इसमें शामिल किसानों के बैंक खातों की जांच कर जिला प्रशासन ने होल्ड करवाया था, लेकिन को आपरेटिव बैंक पिरदा के कर्मचारियों ने होल्ड खाते को जिला प्रशासन की बिना अनुमति के न केवल अनहोल्ड किया, बल्कि 25 लाख रुपये ट्रांसफर करने का दुस्साहस किया। उक्त राशि आरटीजीएस किए जाने की जानकारी पर जिला प्रशासन ने संबंधित धारक के खाते से 25 लाख को रिवर्स उसी खाते में जमा करवाया है।

पुलिस के हाथ कुछ नहीं

इस मामले में अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं। पुलिस ने फरार मुख्य आरोपितों को गिरफ्तार करने में अनमने ढंग से कार्य किया है। साथ ही अन्य आरोपितों की धरपकड़ पर भी ध्यान नहीं दिया। आरोपितों के स्वजनों को नोटिस देकर थाने बुलाने और पूछताछ का प्रयास भी नहीं हुआ।

धोखाधड़ी में शामिल लोगों का पारिवारिक कनेक्शन

स्थानीय लोगों ने बताया कि को आपरेटिव बैंक पिरदा में उसत प्रधान अकाउंटेंट है, जो धान खरीदी फर्जीवाड़े में शामिल संतलाल परिवार का दामाद है। स्थानीय लोगों का कहना है कि होल्ड खाते को अनहोल्ड करने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। वीवीआर (वाउचर वेरिफिकेशन रिपोर्ट) से इसका पता लगाया जा सकता है। सेवा सहकारी समिति जाड़ामुड़ा में दो कंप्यूटर आपरेटर थे, जिसमें से एक मनोज प्रधान फर्जीवाड़े में शामिल संतलाल लाल प्रधान का भतीजा है, जो अभी फरार है। वहीं दूसरा कंप्यूटर आपरेटर मनीष प्रधान को आपरेटिव बैंक पिरदा में पदस्थ अकाउंटेंट उसत प्रधान का भतीजा है। वह भी फरार है।

कोआपरेटिव बैंक पिरदा के प्रभारी ब्रांच मैनेजर आरएस भोई ने कहा, आरोपित किसानों के होल्ड अकाउंट बीएम शिवनाथ पटेल और यहां पदस्थ उसत प्रधान के आइडी से अनहोल्ड किया गया था। इसके बाद फंड आरटीजीएस किए गए थे। फिलहाल पटेल निलंबित हैं और उसत बैंक में कार्यरत हैं। उसत, आरोपित किसान संतलाल, दासरथी, निराकार के रिश्तेदार हैं।



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