Sudarshan Kriya तनाव को रखे कोसो दूर बनाये अधिक ऊर्जावान
SUDARSHAN KRIYA
हमने अक्सर अपने माता-पिता से सुना होगा की ज़्यादा गुस्सा मत किया करो उससे मन ख़राब होता है। इंसान अपने सोचने समझने की शक्ति को ख़त्म कर लेता है। यह केवल कहने की ही बातें नहीं है बल्कि इनका हमारे स्वस्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है। और जैसी आजकल हमारी लाइफस्टाइल है जहाँ पर थोड़ा भी वक्त अपने लिए निकाल पाना बहुत बड़ी बात है। इस भागती – दौड़ती जिंदगी में दो पल हमे सुकून भरे मिल जाये तो जिंदगी में कुछ नया लगता है ।शरीर दुगुनी ऊर्जा से फिर से काम करने के लिए तैयार हो जाता है। मन में अलग तरह की शांति होती है। हमारे तनाव को बहुत कम कर देने वाली प्रक्रिया को हम सुदर्शन क्रिया कहते है। आज इस लेख में हम सुदर्शन क्रिया क्या है इसके बारे में विस्तार से जानेंगे यह किस प्रकार एक नई चेतना नई ऊर्जा हमारे अंदर उत्पन्न करती है। कुछ शोधो के अनुसार ब्रीदिंग एक्ससरसाइज़ खासकर सुदर्शन क्रिया अधिक लाभदायक है। सुदर्शन क्रिया एक प्रकार से श्वास की यौगिक क्रिया है। यह क्रिया हमारे इम्यून सिस्टम ,सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर बहुत गहरा प्रभाव डालती है। सांस को एक गति व लय बद्ध तरीके से लेने पर पता चलता है की शरीर कितनी अच्छी तरीके से काम कर रहा है। तो आइये विस्तार से सुदर्शन क्रिया के बारे में जानते है ।
सुदर्शन क्रिया क्या है
सुदर्शन शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है। सु का अर्थ अच्छा या उचित से है और दर्शन का अर्थ दृष्टि या देखना से है। इसी प्रकार सुदर्शन का अर्थ है दृष्टिकोण और क्रिया का अर्थ है शुद्धि जब हमारा जन्म होता है तो सबसे पहली क्रिया जो हम करते है वह है श्वास लेना सुदर्शन क्रिया एक सरल , शक्तिशाली लय बद्ध तरीके के साथ की गयी प्रक्रिया है जो हमारे शरीर ,मन ,भावनाओ को एक साथ एक लय में बाँधती है। इस क्रिया के द्वारा हमारा शरीर तनाव से मुक्त होकर फिर से नई ऊर्जा से भर जाता है । सुदर्शन क्रिया प्राणायाम और लय बद्ध तरीके से श्वास लेने की तकनीक का एक संयोजन है। इसकी शुरुआत धीमी गति से साँस लेने और छोड़ने के साथ होती है। और धीरे – धीरे तेज़ी से साँस लेने की तकनीकों की एक शृंखला की ओर बढ़ती है। सुदर्शन क्रिया में मुख्यतः अपनी साँसो पर नियंत्रण रखना सिखाया जाता है। सुदर्शन क्रिया तनाव ,क्रोध ,चिंता और दुःख जैसी नकारात्मक भावनाओं को दूर करती है। सुदर्शन क्रिया आपको खुशी ,तनावमुक्ति और ऊर्जावान स्थिति तक पहुँचने में मदद करती है।
सुदर्शन क्रिया कैसे काम करती है ?
सुदर्शनक्रिया में आप अपनी साँसो को नियंत्रित करते है। जब हमारे मन में विभिन्न प्रकार की भावनाये आती है तो उन्ही भावनाओ के अनुसार हम साँस लेते है ।जैसे अधिक क्रोध में हम छोटी -छोटी साँसे लेते है। जब हम खुश होते है तो लम्बी और गहरी साँसे लेते है। इस तरह हमारी भावनाएं हमारी साँस लेने की गति यानि ब्रीदिंग साइकल्स को बदल देती है इसी प्रकार हम अपनी साँस लेने की तकनीक के द्वारा अपनी मनोस्थिति को बदल सकते है। सुदर्शन क्रिया आपको तनाव मुक्त जीवन जीने में मदद करती है।
कौन कर सकता है सुदर्शन क्रिया
18 वर्ष से अधिक के लोग छात्र ,कामकाजी पेशेवर ,बुज़ुर्ग ,वयस्क ,गृहणियां सभी वर्ग के लोग इस क्रिया को कर सकते है। आप आसानी से इस प्रक्रिया को किसी प्रशिक्षित प्रशिक्षक से प्रशिक्षण लेकर सीख सकते है ।
सुदर्शन क्रिया का समय
सुदर्शन क्रिया करने में लगभग 25 से 30 मिनट लगते है। हर रोज़ आप लगभग 30 मिनट का अभ्यास कर सकते है। शोध के अनुसार नियमित सुदर्शन क्रिया का अभ्यास करने वाले लोगो की नींद की गुणवत्ता में 76.6% सुधार हुआ है ।
सुदर्शन क्रिया करने की विधि
सुदर्शन क्रिया में चार चरण होते है। उज्जाई प्राणायाम ,भस्त्रिका प्राणायाम ,ॐ का जाप ,क्रिया योग इस क्रिया का पूर्ण लाभ तभी मिलेगा जब आप इन चारो चरणों को पूर्ण करेंगे। आइये जानते है सुदर्शन क्रिया के इन चार चरणों के विषय में ।
1. उज्जाई प्राणायाम –
सर्वप्रथम सुखासन या पद्मासन में बैठ जाये इसके पश्चात अपने दोनों हाथो को अपने पैरो पर टिकाये आपके हाथ वायु या धैर्य मुद्रा में रहने चाहिए अपनी रीढ़ की हड्डी को एकदम सीधा रखते हुए अपने गले को टाइट करके जब साँस भरेंगे तो एक आवाज़ गले से निकलेगी साँस भरने के पश्चात् अपनी गर्दन को नीचे झुकाये अब जालंधर बंध लग जायेगा।अब यथाशक्ति साँस रोकने के बाद ,दाई नाक को बंद करके बाई नाक से श्वास को छोड़े इस आसन को बैठकर करे तो ज़्यदा उपयुक्त होगा ।
2. भस्त्रिका प्राणायाम –
सुखासन में सीधे बैठकर लम्बी और गहरी साँस ले लगभग दो से ढाई सेकण्ड में साँस अंदर लेना और इतने ही समय में श्वास को बाहर निकालना है। यह भस्त्रिका प्राणायाम है इससे हमारे शरीर में अतिरिक्त ऑक्सीजन का इंटेक होता है। जब अतिरिक्त ऑक्सीजन हमारे शरीर के अंदर जाती है तो बीमारियाँ होने संभावना बहुत कम हो जाती है। यह प्राणायाम हमे प्रतिदिन करना चाहिए।
3. ओम का ध्यान –
सुखासन या पद्मासन में बैठकर अपने हाथो को पैरो पर धैर्य मुद्रा में टिकाकर अपने शरीर को ढीला छोड़ दे ।
अपनी आंखे बंद करके केवल ॐ का स्वर निकाले और अपना ध्यान केवल ॐ की ध्वनि पर लगाये नॉर्मल ब्रीदिंग चलती रहेगी। यह आपके तनाव को दूर कर आपमें नई ऊर्जा का विकास करता है ।
4. क्रिया योग –
सुदर्शन क्रिया का सबसे अंतिम चरण क्रिया योग है। इसमें साँसों की गति को एक लय के साथ बदलना होता है इसके लिए सर्वप्रथम आँखों को बंद करके धीमी गति से श्वास ले इसके बाद साँसो को थोड़ा तेज गति के साथ ले परन्तु जितनी देर में आप साँसों को ले रहे है उतनी ही देर में साँसो को एक लय और गति के साथ छोड़े इस क्रिया से आपका मन शुद्ध होता है।
सुदर्शन क्रिया के फायदे
1. सुदर्शन क्रिया डिप्रेशन ,एन्जायटी और तनाव को कम करती है ।
2. सुदर्शन क्रिया हमारा मानसिक ध्यान बढ़ाती है ।
3. यह क्रिया नींद की गुणवत्ता में सुधार करती है ।
4. शवसन क्रिया व रक्तचाप में सुधार करती है ।
5. आत्मसम्म्मान व जीवन संतुष्टि में सुधार करती है ।
6. कोलेस्ट्रॉल में सुधार व ब्लड प्रेशर में कमी लाती है ।
7. फेफड़ो की छमता को बढ़ाती है और ह्रदय को स्वस्थ्य रखती है ।
8. यह हमारे शरीर में एंटी ऑक्सीडेंट की मात्रा को बढ़ा देती है जो हमे बुढ़ापे से बचाती है।
9. रोग प्रतिरोधक छमता की बढ़ोत्तरी होती है ।
सावधानियां
जो महिलाये गर्भवती है। जिन लोगो को सांस से जुड़ी हुई समस्याएं है या जो गंभीर बीमारियों से पीड़ित है ऐसे लोग यह क्रिया न करे ।
निष्कर्ष
Health Divin ने इस लेख के माध्यम से अपने प्रिय पाठको तक सुदर्शन क्रिया से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी देने का प्रयास किया है। इस लेख को लिखने का उद्देश्य केवल अपने प्रिय पाठको तक सही जानकारी उपलब्ध करना था। इस लेख के लिए हमने सुदर्शन क्रिया के सम्बन्ध में ढेरो जानकारियां एकत्रित की है। उनमे से सर्वश्रेष्ठ जानकारी को हम आप लोगो तक ला पाए है। लेख पसंद आये तो कमेंट जरूर करे ।
FAQ
1. सुदर्शन क्रिया कब करनी चाहिए ?
जब आप अधिक तनाव ग्रस्त महसूस कर रहे हो और आप अपने जीवन को और बेहतर बनाना चाहते हो ।
2. सुदर्शन क्रिया के क्या -क्या फायदे है ?
1. सुदर्शन क्रिया हमारे फेफड़ो की शक्ति को बढ़ाती है।
2. ह्रदय को स्वस्थ्य रखती है।
3. डिप्रेशन ,तनाव और एंजायटी को कम करती है ।
4. श्व्सन क्रिया व रक्तचाप में सुधार करती है ।
3. सुदर्शन क्रिया कितने मिनट की होती है ?
सुदर्शन क्रिया करने में लगभग 30 मिनट लगते है। प्रतिदिन इसका अभ्यास करने पर आप अपने आप को तरोताज़ा रख सकते है ।